विश्व मानव अधिकार दिवस पर रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन
विश्व मानव अधिकार दिवस पर रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

बिलासपुर।विश्व मानव अधिकार दिवस के अवसर पर शासकीय हाई स्कूल मुलमुला में चित्रकला, निबंध भाषण प्रतियोगिता रखी गयी *मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 11/12/2023को चित्रकला, भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गयी सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. ज्योति सक्सेना नवाचारी व्याख्याता के मार्गदर्शन एवं विद्यालय के प्राचार्य श्री विमलेश कुमार पाण्डेय के आशीष वचन के साथ मानव अधिकार से आप क्या समझते है? चित्रकला प्रतियोगिता मानवाधिकार,अधिकार एवं आर टी आई से सम्बंधित बनाई गयी थी कम समय में बनाना ये चुनौती विद्यार्थियों के समक्ष थी, फिर भी विद्यार्थियों ने रूचि के साथ भाग लिया चित्रकला में कक्षा -दसवीं से गीता सिदार प्रथम, द्वितीय सोनम बर्मन, तृतीय माही यादव रही भाषण में स्नेहा खूंटे प्रथम, द्वितीय सीता सिदार, तृतीय काजोल रही.
कक्षा -नवमी से प्रथम भूमि मनहर, हीरालाल एवं द्वितीय कोमल बर्मन,प्रियांसी तृतीय खुशबू रही. निबंध में प्रथम माही यादव, भूमि मनहर, तृतीय सुमित टंडन रहें. मानव अधिकार, मौलिक अधिकार और कर्त्तव्य पर सभी ने अपने विचार रखे वरिष्ठ व्याख्याता श्रीमती शैल शर्मा,श्रीमती नीरजा सिंह, श्री दिनेश कुमार बंजारे सभी व्याख्याताओं ने अधिकार के विषय में विस्तार से समझाया. डॉ. ज्योति सक्सेना ने अपनी स्पीच में बताया की हमें अपने अधिकार का तो पता रहता है लेकिन हमें अपने कर्त्तत्व को भी नही भूलना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र संघ 10 दिसंबर 1948 को मानव अधिकार घोषणा पत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई जिसमें भारतीय संविधान द्वारा एक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं. किसी भी इंसान की जिंदगी बराबरी और सम्मान का अधिकार मानव अधिकार है.भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत की सजा भी देता है. भारत में 28सितंबर 1993मानवाधिकार क़ानून अमल में आया,12 अक्टूबर 1993 आयोग का गठन हुआ. इस कार्यकम से बच्चों को अच्छे से मानवाधिकार समझ आया.कई विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिये गया. सभी विद्यार्थियों की रूचि,उत्साह, लगन एवं समस्त स्टाफ के सहयोग से सफल आयोजन रहा.

