किसानों के लिए खुशखबरी, समिति सदस्यों के लिए अल्पकालीन ऋण की व्यवस्था

गरियाबंद : पूर्ववर्ती भूमि विकास बैंक से कृषकों द्वारा लिए गये ऋण तिगुना से भी ज्यादा हो जाने के कारण कृषक उक्त ऋण अदा कर पाने में सक्षम नहीं थे और कालातीत हो जाने के कारण समितियों से खाद बीज नगद ऋण नहीं ले पा रहे थे. जिसके कारण खेती में पैदावार पर भी असर पड रहा था. साथ ही अधिक ऋण राशि की कटौती के भय से समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पा रहे थे. ऐसे कृषकों के लिए अल्पकालीन ऋण की व्यवस्था की गई है.
कृषकों की सेवा में सदैव तत्पर रहने वाले जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के अध्यक्ष पंकज शर्मा द्वारा कृषकों के हित को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ को पत्राचार कर एक मुश्त समझौता लागू करने हेतु पत्र मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किये जाने पर किसान हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक मुश्त समझौता योजना को अमल में लाने हेतु निर्देश दिये गए थे.
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक और दूसरी बैंकों के प्रस्ताव पर विचार पश्चात पूर्ववर्ती जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों द्वारा कृषकों को वितरित ऋणों की वसूली के लिए एक मुश्त समझौता योजना 2023 लागू किया गया है. और योजना के परावर्तन अवधि 31 मार्च 2024 तक होगी. अगर ऋणी सदस्यों द्वारा इस अवसर का लाभ नहीं उठाया जाता है तो छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 अथवा अन्य सुसंगत कानूनी प्रक्रिया (जो भी लागू हो) के अंतर्गत वसूली की कार्यवाही जारी रहेगी.
बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.पी.चन्द्रकार तथा गरियाबंद जिले के नोडल अधिकारी प्रहलाद पुरी गोस्वामी ने कालातीत ऋणी सदस्यों से अनुरोध किया है कि अपने संबंधित समिति/शाखा में उपस्थित होकर एक मुश्त समझौता हेतु आवेदन प्रस्तुत कर योजना का लाभ उठावें और समिति का सदस्य बनकर कृषि कार्य हेतु शून्य प्रतिशत में अल्पकालीन ऋण प्राप्त कर अपने आर्थिक स्थिति को सुद्वढ़ बनाएं.

