झारखंड देश तानाशाही के ओर,दलित राष्ट्रपति को संसद भवन एवं मंदिर में निमंत्रण नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण-डॉ आरसी मेहता

📝RAJESH ,KUMAR
Jharkhand, dhanbad 🖊️
हजारीबाग-आज लोकतंत्र तानाशाही के ओर बढ़ रहा है। देश में चुनी हुई सरकारों को प्रलोभन देकर सरकार गिराना अलोकतांत्रिक है विपक्ष को कमजोर करना दमनकारी नीति है देश में किसान मजदूर बेरोजगार सरकारी कर्मी ड्राइवर पारा शिक्षक वकील डॉक्टर छोटे व्यापारी पत्थर बालू ट्रैक्टर व्यवसायी बेबस है।मोदी सरकार 2 करोड़ नौकरी प्रतिवर्ष देने की वादा करके तकरीबन 5 करोड लोगों के नौकरियां छिना। रेल हवाई जहाज सिसिएल एलआइसी अस्पताल स्कूल कॉलेज इत्यादि दर्जनो सरकारी संस्थाओं को निजीकरण किया गया। देश में ईडी आयकर इत्यादि सरकारी संस्थाओं को सरकारी तोता बनाया गया। सहारा इंडिया एवं सेबी में जमा गरीबों का जमा धन केंद्र सरकार देने में आनाकानी कर रही है पेंशन छीना गया कृषि काला बिल सरकारी नौकरी के जगह देश में आउटसोर्सिंग ठेका थोपा गया,जिसमें एक ही शिक्षा से कार्यरत सरकारी नौकरी में₹80 हजार हजार मिल रहा है तो वहीं आउटसोर्सिंग में मात्र ₹8 हजार है अग्निवीर देश के लिए घातक है।कुछ कॉर्पोरेट व्यापारियों को खाने का पूरा मौका दिया गया है गरीब मध्य वर्ग मजदूर बेरोजगार वेवस है रसोई गैस 400 से 1200 पर आ गई है रसोई सिलेंडर कोने में रखकर गरीब झूरी गोईठा काठी से खाना बनाने को मजबूर है पेट्रोल डीजल बिजली चार गुणा महंगा भ्रष्टाचार शिष्टाचार बना ,खाद्य सामग्री चार गुना महंगा,लोगों की आमदनी घटता जा रहा है यह बातें कांग्रेस पार्टी के हजारीबाग विधानसभा उपविजेता ने अपने कार्यालय पीटीसी में कहा। डॉ मेहता ने कहा कि हालात भयावाह है राम प्राण प्रतिष्ठा रामनवमी के दिन चैत में होना चाहिए, जिसे राजनीतिक लाभ के लिए 22 जनवरी को किया गया। देश में सामाजिक न्याय खतरे में है पिछड़ा आयोग का गठन कर सरकार तत्काल जातिगत गणना करावे, जिसके जितना आबादी उसकी उतनी भागीदारी हो। देश के दलित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन एवं राम मंदिर उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाना छुआछूत को बढ़ावा देने वाला दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसे इतिहास के पन्नों में दर्ज किया जाएगा। हिंदू धर्म के चार स्तंभ शंकराचार्यों को गौन रहना न्यायोचित नहीं है। शिक्षाविदों कानूनविदों के लिए चिंताजनक है

