*जिले में हाई अलर्टः रतनपुर में डायरिया के 43 तो सिम्स में मलेरिया के 9 मरीज भर्ती*

इंतजामः जिला अस्पताल में 15 आईसीयू व 20 सामान्य बेड और सिम्स में 10 आईसीयू बेड बढ़ाए जाएंगे
बारिश के मौसम में इस बार बारिश हो न हो, पर इससे संबंधित बीमारी का प्रकोप जरूर छाया हुआ है। पिछले महीने शहर के सकरी क्षेत्र से शुरू हुए डायरिया का प्रकोप यहां से आगे बढ़ते हुए रतनपुर पहुंच गया। यहां लगातार इसके मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को ही 24 नए मरीज मिले। इनमें से ज्यादातर का इलाज रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। इधर कोटा ब्लॉक मलेरिया प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो सप्ताह भर में इस क्षेत्र में 31 से ज्यादा मरीज मिल चुके है। इसमें 9 मरीजों को गंभीर हालत में सिम्स में भर्ती किया गया है। जबकि पिछले तीन दिन के अंदर 4 मलेरिया पीड़ित बच्चों की मौत हो चुकी है। इस तरह पिछले महीने से अब तक जिले में डायरिया व मलेरिया के 500 से ज्यादा मरीज मिल चुके। डायरिया के पीछे जहां गंदगी व दूषित पेयजल कारण माना जा रहा है तो मलेरिया फैलने का कारण मच्छरदानी का प्रयोग न करना, जगह-जगह जल जमाव, कीटनाशक का छिड़काव न होना
बताया जा रहा है।
बीमारियों के 33 फिर नए मरीज मिले
फैक्ट फाइल
• शनिवार को डायरिया के 24 तो मलेरिया के मिले 7 मरीज
• रतनपुर में डायरिया के 43 मरीज तो सिम्स में मलेरिया के 9 मरीज भर्ती
• जिला अस्पताल में 15 आईसीयू व 20 सामान्य बेड तो सिम्स में 10 आईसीयू बेड बढ़ेंगे
• प्राथमिक स्वास्थ्स केंद्रों में भी 10-10 बेड बढ़ेंगे
सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के आलाया जिला अस्पताल व सिम्मा को अलर्ट किया गया है। डायरिया व मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में में विशेष शिविर लगा कर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गंभीर मरीजों को सिम्स रेफर कर वहां भेजने कर व्यवस्था की जा रही है। अस्पतालों में इन बीमारियों के लिए बेड बढ़ाए जा रहे हैं ताकि गंभीर मरीजों का अस्पताल में भर्ती कर बेहतर इलाज किया जा सके। हर परिस्थिति से निपटने स्वास्थ्य विभाग तैयार है।
डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, सीएमएबओ।
रतनपुर और कोटा क्षेत्र में सबसे ज्यादा केस, मलेरिया से अब तक 4 की मौत
बिलासपुर. जिले के रतनपुर क्षेत्र में जहां डायरिया तो कोटा क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप है। दोनों जगह रोजाना बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे हैं। शनिवार को डायरिया के 24 नए मरीज मिले तो मलेरिया के 7 केस सामने आए हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कलेक्टर ने जिला अस्पताल व सिम्स का निरीक्षण कर 15 आईसीयू व 20 सामान्य बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इधर शहर में संचालित मेडिकल मोबाइल वैन को कोटा में ही भेज दिया गया है, ताकि मलेरिया पीड़ितों का त्वरित इलाज हो सके।
शहर से मलेरिया प्रभावित गांवों में भेजे गए मोबाइल मेडिकल वाहन
कलेक्टर ने लिया हालात का जायजा, मरीजों से की बात
संवेदनशील गांवों में शिविर लगाकर लोगों की जांच और मुफ्त दवाइयां बांटी जा रही है। सीएमओ प्रभात श्रीवास्तव ने बताया कि शनिवार को मोबाइल मेडिकल वाहन कोटा ब्लॉक के बेलगहना और केंदा के सिलपहरी
गांव पहुंचा। दोनों जगहों में स्वास्थ्य शिविर में 200 लोगों का स्वास्थ्य मलेरिया की जांच की गई। जिनमें दो लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, उन्हें सिम्स में रेफर किया गया है।
कोटा में दो और झोलाछाप क्लीनिक सील, एक का क्लर्क कर रहा था संचालन
टा में अवैध रूप से संचालित को विश्वास क्लीनिक और मरावी क्लीनिक सील कर दी गई है। मरावी क्लीनिक का संचालक देवशंकर मरावी है, जो शासकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा में क्लर्क है। बतादें कि रात में कोटा एसडीएम युगल
किशोर उर्वशा के नेतृत्व में राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दबिश देकर कार्रवाई की। दोनों क्लीनिकों में भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन मिले। क्लीनिक में मरीजों को दवाई के मूल्य से ज्यादा पैसे लिए जा रहे थे।
नालियोंकी सफाई नहीं, मच्छरों के रहने का पूरा का इंतजाम
ले में डायरिया व मलेरिया के मरीज बढ़ने के जि बावजूद शहर में इसे लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं है। दूषित पेयजल और पानी के जमाव, गंदगी, नालियों में कीटनाशक का छिड़काव न होने से बीमारियां फैल रही है। इन सबके बावजूद नगर निगम गंभीर नहीं है। शहर के तालापारा, टिकरापारा, मंगला, राजकिशोर नगर सहित अन्य इलाकों में नालियों की सफाई ही नहीं की जा रही। जर्जर पाइप लाइनें बजबजाती नालियों में समाई हुई हैं। जगह-जगह फूटी पाइप लाइनों से घरों में गंदा पानी जा रहा है। इधर बारिश होने पर जल जमाव हो रहा है। नाली का पानी उफान मारते हुए रोड से लेकर घरों में घुस रहा है। कीटनाशक का छिड़काव नहीं हो रहा। मच्छरों को भगाने फॉगिंग केवल वीआईपी इलाकों में ही हो रही। बाकी जगह अनदेखी हो रही है।
हाईकोर्टः कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता के लिए मापदंड
07/21/2024 | बिलासपुर | पृष्ठ: 15 स्रोत: https://epaper.patrik.com/
कलेक्टर अवनीश शरण ने आज सिग्स और जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इलाज करा रहे मरीजों से मुलाकात कर उनके इलाज व स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। जिला अस्पताल में उन्होंने सिविल सर्जन को मलेरिया और डायरिया के मरीजों के लिए बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपात स्थिति में 15 आईसीयू के बेड और 20 सामान्य बेड बढ़ाने की बात कही। जबकि सिम्स में 10 आईसीयू बेड बढ़ाने कहा। इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, सीएमएचओ डॉ. प्रभात श्रीवास्तव, सिम्स के अधीक्षक डॉ. एस के नायक मौजूद थे।
लेरिया और डायरिया पर। काबू पाने शहरी क्षेत्र से मोबाइल मेडिकल वाहन को गायों के लिए रवाना किए गए हैं। इसमें डॉक्टर, नर्स सहित पर्याप्त मात्रा में दवाइयां और जांच किट मौजूद हैं। ज्यादा प्रभावित और

