गरियाबंद जिले में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर प्रतिबंध, बाल विवाह पर रोक लगाई गई

संवाददाता : अब्दुल समद रिज़वी
गरियाबंद : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा आयोजित हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी मुख्य परीक्षा और शारीरिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि परीक्षा तथा आगामी माह से आयोजित विश्वविद्यालयीन परीक्षाएं को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर और जिला दण्डाधिकारी प्रभात मलिक ने छत्तीसगढ़ कोलाहल नियत्रंण अधिनियम 1985 की धारा 18 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 22 फरवरी से 31 मार्च 2023 तक गरियाबंद जिला क्षेत्रांतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर प्रतिबंधित किया है.
जिला दण्डाधिकारी के आदेशानुसार विशेष परिस्थितियों एवं शासकीय कार्यो के लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों की उपयोग करने की अनुमति संबंधित अनुभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी कोलाहल नियत्रंण अधिनियम 1985 में उल्लेखित शर्तो के अधीन देंगे. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी का यह आदेश तत्काल प्रभावशील हो गया है.
बाल विवाह पर रोक लगाई गई
गरियाबंद : जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम चैतरा में एक बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी. विगत 13 फरवरी 2023 को जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज पांचवीं की अंकसूची के आधार पर बालिका की आयु सत्यापन किया गया. जिसमें उसकी आयु 17 साल 21 दिन होना पाया गया. बालिका का विवाह 22 फरवरी 2023 को तय किया गया था.
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम के अधिकारियों ने बताया कि विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल पूरी होना जरुरी है. निर्धारित उम्र से कम उम्र में महिला/पुरूष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते हैं. जिन्हें 2 साल तक का कठोर कारावास और 1 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है. जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा अग्रिम कार्यवाही करते हुए बालिका के माता-पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीणजनों को समझाइश दिया कि बालिका की उम्र 18 पूरी होने के बाद ही विवाह करें.
सभी लोग बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाइश पर सहमति जताई. टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीण जनों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के बाद ही विवाह करें. जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके. अभियान में जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी में प्रेमशंकर यादव (परामर्शदाता) और चाईल्ड लाईन 1098 से टीम मेम्बर श्रीमती पोखन ध्रुव और फिंगेश्वर पुलिस बल शामिल थे.

