जिंदगी हुई खुशहाल, जल जीवन मिशन से कमार बस्ती तक पहुंच रहा साफ़ पानी

संवाददाता : अब्दुल समद रिज़वी

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सुदूर जंगली इलाकों में रहने वाली कमार जनजाति को हो रही परेशानियों को ध्यान में रखकर शासन प्रशासन द्वारा उनकी समस्याओं को हल करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसकी वजह से उनके चेहरों खिलने लगे हैं. गड्ढ़ा खोदकर पानी निकालने वाले लोगों को अब नल का साफ़ पानी मिलने लगा है. जिससे वहां के निवासी इस बदलाव से खुश हो रहे हैं.

मैनपुर से पूर्व की तरफ 20 कि.मी. ओडिसा की सीमा पर स्थित ग्राम पंचायत कुल्हाड़ीघाट के आश्रित ग्राम देवडोंगर में भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति का दर्जा रखने वाली कमार जनजाति निवास करती है. इस जनजाति के लोगों के घर घास-फुस या खपरैल से बने होते हैं.

कमार जनजाति के मुख्य भोजन चावल या कोदो की पेज, भात, बासी के साथ, कुल्थी, बेलिया, मुंग, उड़द, तुवर की दाल तथा मौसमी सब्जियां जंगली साग भाजी वगैरह होता है. मुख्य कृषि उपज कोदो, धान, उड़द, मुंग, बेलिया, कुल्थी वगैरह है. कुछ कमार लोग जंगल से शहद एवं जड़ी-बुटी भी एकत्रित कर बेचते भी हैं.

अब जल जीवन मिशन से सोलर आधारित नलजल प्रदाय योजना से हर घर नल लग जाने से इस आश्रित ग्राम के पुरूष, महिलाएं एवं बच्चों में एक नया आनंद व उत्साह उत्पन्न हुआ है. साथ ही अब घर में नल लग जाने के कारण लोग अपने कामो में पूरी तरह ध्यान दे पाते हैं.

पहले हर घर में लोगां को 4 से 5 बार अलग-अलग झरिया से पानी लाना पड़ता था. लेकिन अब नल लगने के बाद खाना बनाने बर्तन साफ करने और पीने के पानी के लिये किसी भी तरह की तकलीफ नही होती है. घर में भरपूर पानी उपलब्ध रहता है. साथ ही अब लोगो के सेहत में भी सुधार आया है. महिलाएं बचत पानी का इस्तेमाल करते हुऐ साग भाजी का उत्पादन भी खुद के उपयोग के लिए कर पा रहे हैं. इससे महिलाओं का भी उत्साह बढ़ा है.

इस आश्रित ग्राम देवडोंगर में निवास करने वाले कमार जाति के लोगों को जल जीवन मिशन के द्वारा आये बदलाव को बयान करते हुये श्रीमति नंदनी बाई, श्रीमति लक्ष्मी बाई, श्रीमति मान बाई, श्रीमति कमला बाई और सुन्दर ने बताया की पहले ग्राम से 1.5 कि.मी. दुर झरिया से गड्ढ़ा खोदकर पानी निकाला करते थे और उसे छानकर पीने के लिये उपयोग करते थे. और इसे ही वे लोग अपना दिनचर्या और इसी व्यवस्था के साथ जीना कबुल कर चुके थे.

यहां पर समय-समय पानी की गुणवत्ता की जाँच होती रहती है. गर्मी के समय पानी को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता था. झरिया के पानी का स्तर नीचे चला जाता था. जिसकी वजह से पीने के पानी के लिये परेशान हो जाते थे. जल जीवन मिशन से प्राप्त हर घर नल लगने से गाँव के लोगों को साल भर साफ़ पानी मुहैय्या हो रहा है. और उन्हें पेयजल समस्याओ से निजात मिली है.

error: Content is protected !!