रनिंग वाटर सिस्टम के नाम पर कापुबहरा पंचायत मे जमकर भ्रष्टाचार, फर्जी बिल के सहारे सरपंच- सचिव ने किया 15वें वित्त मद का दुरुपयोग*

0 ग्राम सभा के दौरान सरपंच- सचिव, उपसरपंच के कार्यों से नाराज ग्रामीणों व पंचो ने किया था हंगामा.
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*कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:-* जनपद क्षेत्र पोड़ी उपरोड़ा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कापुबहरा में रनिंग वाटर सिस्टम लगाने के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है। यहां गत आयोजित ग्राम सभा के दौरान सरपंच- सचिव व उपसरपंच के कार्य रवैये को लेकर बड़ी संख्या में उपस्थित ग्रामीणों और पंचों ने सभा शुरू होते ही आरोपो की बौछार लगा दी थी। जहां इनके मनमाने तौर- तरीकों के मामले में तीखी बहस भी हुई थी। जिस हंगामे का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा कि अब ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव के मिलीभगत से रनिंग वाटर सिस्टम स्थापना के नाम पर भारी भ्रष्टाचार करने की जानकारी सामने आ रही है!

ग्राम पंचायत कापुबहरा में रनिंग वाटर सिस्टम स्थापना की आड़ में भारी घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। जहां सरपंच- सचिव ने इस कार्य में फर्जी बिल लगाकर 15वें वित्त की राशि का मनमाना आहरण कर लिया। यहां श्रीमती बृजकुंवर राज सरपंच निर्वाचित व सचिव सूरज जायसवाल है। जिनके द्वारा पंचायत कार्यालय भवन में रनिंग वाटर सिस्टम स्थापना के नाम पर 15वें वित्त मद से 61.936 की राशि आहरण तो कर लिया लेकिन निजी स्वार्थ सिद्धि की चाह में जमीनी स्तर पर किये गए कार्य का अवलोकन करें तो गौठान स्थित बोर से पंचायत भवन तक करीबन 200 मीटर पाइप लाइन के जरिये सिंटेक्स तक पानी पहुँचाने की प्रक्रिया अपनाकर कार्य से तीन गुना अधिक राशि का आहरण फर्जी बिल बाउचर के जरिये कर लिया जबकि रनिंग वाटर सिस्टम के नाम पर जो प्रक्रिया अपनायी गई है, बामुश्कित उस कार्य के लिए 10 से 15 हजार खर्च आया होगा लेकिन सरपंच- सचिव ने कार्य से तीन गुना अधिक राशि का फर्जी बिल से लाभ लिया। जो ग्राम पंचायत कापुबहरा के रिकार्ड में ऑनलाइन दर्ज है। जानकारी के अनुसार शासन द्वारा निर्धारित नियम के अनुसार 50 हजार से अधिक राशि का काम करवाने में इंजीनियर से स्टीमेट बनवाना पडता है, परंतु क्या इस कार्य मे स्टीमेट की जरूरत नही लगी अथवा मिलीभगत से कार्य को अंजाम दिया गया।

गौरतलब हो कि ग्राम पंचायत भवन कापुबहरा मे गत दिनों ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जहां ग्रामीणों व पंचों ने कई समस्याओं व सरपंच- सचिव, उपसरपंच के मनमाने कार्यों पर कड़े नाराजगी जाहिर करते हुए आरोपो की झड़ी लगा दी। इस दौरान गहमागहमी का माहौल निर्मित रहा। अब यह पंचायत सरकारी भवनों में रनिंग वाटर सिस्टम के नाम पर किए गए लाखो के भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा पर है। पंचायत भवन के अलावा विभिन्न शासकीय भवनों में भी रनिंग वाटर स्थापना सहित अन्य कार्यो की आड़ में 15वें, 14वें वित्त राशि के दुरुपयोग को लेकर खबर अगले एपिसोड में प्रसारित की जाएगी, बहरहाल यहां के ग्रामीणों का कहना है कि बुनियादी परेशानियों को भी अवसर के रूप में भुनाकर जिम्मेदार जनप्रतिनिधि सरपंच- उपसरपंच और सचिव द्वारा मिलकर फर्जी बिल से शासन एवम जनता को भारी- भरकम चुना लगाया जा रहा है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पंचायत में कराए जाने वाले अधिकतर कार्यों का भुगतान यहां के उपसरपंच गंगा प्रसाद पटेल को संभवित फर्म गंगा कंट्रक्शन के नाम पर किया जाता है। जिसकी जांच व कार्यवाही की मांग ग्रामीणों ने की है। इस संबंध पर पक्ष जानने सचिव सूरज जायसवाल से फ़ोन पर संपर्क करने प्रयास किया गया किन्तु उनसे संपर्क नही हो सका वहीं सरपंच का नंबर आउट ऑफ कव्हरेज मिला। जिस कारण इनकी प्रतिक्रिया नही मिल पायी।

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