*नेटवर्क मार्केटिंग को नापसंद करने वाले ज़रूर पढ़ें*

भारत में नेटवर्क मार्केटिंग में लगभग 3 करोड़ लोग हैं जिसमें 30 लाख के करीब सफल हैं, बाकी सफल होने के लिए मेहनत कर रहे हैं। लगभग 2 करोड़ लोग निराश होकर छोड़ भी चुके हैं। इसलिए आपको बहुत मिल जाएंगे जो नेटवर्क मार्केटिंग को फ्रॉड कहते हैं।
ग्रेजुएशन, बीटेक, एमटेक, एमबीए करके भारत मे लगभग 18 करोड़ बेरोज़गार हैं। उच्च शिक्षा की पढ़ाई को कोई फ्रॉड नही कहता।
कुछ कहते हैं नेटवर्क मार्केटिंग में धोका भी होता है, कंपनी भाग जाती है, पैसे डूब जाते हैं। तो शिक्षा क्षेत्र में भी फ़र्ज़ी डिग्री मिलती है कि नही। सही शिक्षण संस्थान नहीं चुना तो फ़र्ज़ी डिग्री मिलेगी वैसे ही नेटवर्क मार्केटिंग में भी सही कंपनी चुनना ज़रूरी है।
लोग घर बनाने के लिए प्लाट खरीदते हैं, उसमे भी कई बार धोका हो जाता है। सही रियल एस्टेट ब्रोकर नहीं चुना तो धोका होगा ही। वैसे ही नेटवर्क मार्केटिंग में झूठे मक्कार, रातो रात या बैठे बैठे खाली इन्वेस्ट करके लखपति बनाने वाले लोगों के साथ जुड़ोगे तो धोखा होगा ही।
कुछ लोग जुड़ तो जाते हैं लेकिन कहते है की मुझे सब आता है, सीखना नहीं है। ट्रेनिंग में आने का टाइम नहीं है। अरे भाई कोई फाइटर प्लेन का पायलट हो तो भी उसको अगर साईकल चलानी हो तो सीखना ही पड़ेगा। आप किसी फील्ड के तुर्रम खां हो सकते हैं लेकिन नेटवर्क मार्केटिंग सबसे अलग है।
नेटवर्क मार्केटिंग भी दुज़रे बिज़नेस की तरह ही है। सीखना पड़ता है, परिश्रम करना पड़ता है, धैर्य रखना पड़ता है, निराश भी होना पड़ता है और धीरे धीरे बिज़नेस जमाना पड़ता है।
जैसे बड़ी सैलरी के लिए आईएएस या CA या CS वगेरह बनना आसान नहीं।
जैसे बड़े नाम और पैसे के लिए नेशनल लेवल का क्रिकेटर या फ़िल्म स्टार बनना आसान नहिं वैसे ही नेटवर्क मार्केटिंग में भी बड़ी इनकम के लिए 1-2 साल की अथक परिश्रम चाहिए कम से कम।
लेकिन एक फायदा है। 3 साल में हो या 13 साल में, एक बार सही कंपनी में जम गए तो आप और आपकी आने वाली सारी पुश्तें ऐश करेंगी।
सोचिए , समझिए फिर फैसला कीजिये। जैसे बिना सोचे समझे हाँ बोलना नुकसानदेह हो सकता है वैसे ही बिना नेटवर्क मार्केटिंग को ठीक से समझे ना बोलना भी नुकसानदेह होगा
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