*सीपत उपार्जन केंद्र में धान खरीदी की हुई शुरुआत , अधिकारियों ने दिए आवश्यक दिशा निर्देश* *कुछ किसान ऋण माफी को लेकर कर रहे सरकार बनने का इंतजार*

सीपत :– धान खरीदी शुरू होने के पखवाड़े भर बाद मंगलवार को सहकारी सेवा समिति सीपत उपार्जन केंद्र में धान बोहनी हुई। सीपत उपार्जन केंद्र में प्राधिकृत अधिकारी डीके पाटिल व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी वर्षा दुबे किसान दुबे सिंह कश्यप तामेश्वर कौशिक जीवनलाल वंशकार विनय कश्यप योगेश वंशकार सोनू कौशिक सहित किसानों की उपस्थिति में विधिवत पूजा अर्चना धान तौलकर खरीदी की शुरुआत हुई।मंगलवार को कृषक तुलसी देवी कौशिक 28 क्विंटल जीवनलाल वंशकार 11 क्विंटल 20 किलो राजेंद्र सूर्यवंशी 16 क्विंटल सविताबाई कौशिक 5 क्विंटल 60 किलो कौशलकिशोर वर्मा ने 10 क्विंटल मोटा धान की उपार्जन केंद्र में बिक्री किया। सभी किसानों को मुंह मीठा कराकर स्वागत किया गया। दुबे सिंह कश्यप ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानो के हित में काम कर रही है। इसीलिए किसान वापस खेती की ओर लौट गए हैं। प्रबंधक अमित वर्मा ने बताया कि खरीदी केंद्र की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।किसानों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए समुचित व्यवस्था की गई है। अभी कुछ दिनों के बाद खरीदी की प्रक्रिया में रफ्तार पकड़ेगी। प्राधिकृत अधिकारी श्री डीके पाटिल व ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी वर्षा दुबे ने खरीदी केंद्र का निरीक्षण कर समिति को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। शुभारंभ के अवसर पर प्रबंधक अमित वर्मा ऑपरेटर रमेश साहू विक्रेता धन्वंतरिभूषण कौशिक प्रभाकर वैष्णव फड़ प्रभारी जगन्नाथ कश्यप राजेश यादव दीपाली गुप्ता सहित ग्रामीण उपस्थित रहे।बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों के घोषणा पत्रों का प्रभाव देखा जा रहा है। यही कारण है कि इस बार सरकार बनने के इंतजार में अधिकांश धान खरीदी केंद्र सुने पड़े हैं। बड़े राजनैतिक दलों ने अपनी जीत सुनिश्चित करने किसानों को रिझाने में कोई कसर नही छोड़ी है। कर्ज माफ , 20 से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी , एक मुश्त राशि का भुगतान , दो साल का बोनस , प्रति क्विंटल 31 व 32 सौ रुपए धान के भुगतान जैसे वायदों के बीच अब किसान सरकार गठन का इंतजार कर रहे हैं।किसान नए सरकार गठन के इंतजार में धान बिक्री से दूरी बना रखी है। धान बेचने वे ही किसान आ रहे है जिन्होंने बिना ऋण लिए खेती की है। ऋणी किसानों को कर्जा माफी का इंतजार है। तीन दिसंबर के बाद धान खरीदी में तेजी आएगी।

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