भिलाई के डीपीएस स्कूल दुष्कर्म मामला, मचे बवाल पर फूटा आक्रोशित पालकों का गुस्सा, पुलिस कप्तान ने संभाला मोर्चा, सांसद ने जताई चिंता

Bhilai's DPS school rape case, angry parents burst out in anger over the chaos, police captain took charge, MP expressed concern

भिलाई : डीपीएस रिसाली भिलाई में 12 साल की स्कूली छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. स्‍कूल के टीचर पर बच्‍ची के साथ अश्‍लील हरकत करने का आरोप लगा है. इसको लेकर अभिभावकों ने शुक्रवार को स्‍कूल परिसर में खूब हंगामा किया. इस मामले में कार्रवाई नहीं होने पर आक्रोशित करीब 150 से ज्यादा अभिभावकों ने स्कूल का घेराव कर दिया. अभिभावकों ने स्कूल के प्रिंसिपल से भी चर्चा कर घटना को लेकर विरोध जताया.
5 जुलाई की बताई जा रही है शहर में चल रही चर्चा के अनुसार नामी स्कूल की आया मासूम को लेकर टॉयलेट लेकर गई थी जहा वॉश रुम में छोड़कर वह दूसरे कामों में व्यस्त हो गई. कुछ देर बाद रोते हुए बच्ची वॉश रुम से बाहर आई. तब स्कूल वालों का ध्यान गया।इसी बीच स्कूल की छुट्टी हो गई. स्कूल प्रबंधन ने बच्ची को उसे लेने आई कार में बिठाकर घर भेज दिया.
पेरेंट्स का कहना है कि घटना के 27 दिन बाद भी पुलिस ने भी इस मामले में कार्रवाई नहीं की. फिलहाल मौके पर अभिभावकों के साथ पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौजूद है और घटनाक्रम को लेकर चर्चा कर रहे हैं। घटना पांच जुलाई की बताई जा रही है.
भिलाई क्षेत्र में घटनाक्रम को लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चा तेज हो गई थी. शुक्रवार को आख़िरकार अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा. शुक्रवार सुबह से सभी अभिभावक एक जगह एकत्रित होने लगे. सुबह करीब 10 बजे के आसपास इकठ्ठा पार्षद भिलाई निवास के सामने से पैदल मार्च करते हुए डीपीएस रिसाली स्कूल के गेट के पास पहुंचे और प्रदर्शन करने लगे.
स्कूल प्रबंधन ने प्रदर्शन कर रहे अभिभावकों को स्कूल परिसर के भीतर बुलाया. आक्रोशित अभिभावक स्कूल परिसर में प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर इस मामले में कार्रवाई की मांग करने लगे. इस दौरान स्कूल के प्राचार्य अभिभावकों से चर्चा करने पहुंचे.
अभिभावकों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.
पालकों के आक्रोश को देखते हुए स्कूल का गेट बंद कर दिया गया. इस मामले में उत्पन्न विवाद और आरोपों के मद्देनजर, दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. उन्होंने आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि मामले में पुलिस की जांच पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए.
शुक्ला ने कहा कि मामले की जानकारी पुलिस को 6 जुलाई को मिली और तत्परता से 7 से 8 जुलाई से जांच शुरू की गई. उन्होंने बताया कि 10 से 15 दिन के भीतर मामले की गहराई से जांच की गई. जिसमें पीड़िता, उसके माता-पिता, स्कूल के प्रधानाचार्य, प्रशासनिक स्टाफ और क्लास टीचर शामिल थे. शुक्ला ने पुष्टि की है कि महिला एडीशनल एसपी को मामले की जांच के लिए नियुक्त किया गया है और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने पुलिस के ऊपर लग रहे आरोपों पर पूरी जिम्मेदारी से अपना पक्ष रख यह भी बताया कि जब यह मामला आया था. पुलिस की टीम इसकी जांच की गई. दुष्कर्म जैसा कोई भी चीज जांच में नहीं पाई गई. और कुछ लोग इस बारे में लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.
इस तरह पुलिस और सांसद दोनों ने इस संवेदनशील मामले की निष्पक्ष और प्रभावी जांच की पुष्टि की है. जिससे अभिभावकों और समाज में विश्वास बहाल हो सके. वही इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने भी कलेक्टर और पुलिस कप्तान को पत्र लिख कर इस मामले की निष्पक्ष जांच और सभी स्कूलों में छात्रों छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग रखी है.

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