बारदाने की कमी को लेकर फूटा किसानों का गुस्सा, बेलटुकरी धान खरीदी केंद्र के सामने किया प्रदर्शन, सरकार कराए बोरा उपलब्ध -तेजराम विद्रोही

बारदाने की कमी को लेकर फूटा किसानों का गुस्सा, बेलटुकरी धान खरीदी केंद्र के सामने किया प्रदर्शन, सरकार कराए बोरा उपलब्ध -तेजराम विद्रोही

राजिम/बेलटुकरी : भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जारी है. लेकिन खरीदी शुरु होने के दूसरे हफ्ते में ही व्यवस्था हांफने लगी है और सरकार अपने समितियों के जरिए मुनादी कराकर किसानों से 50% बारदाने की मांग कर रही है. जिन किसानों के पास पुराना बारदाना नहीं है. वे अपनी उपज बेचने से वंचित हो जाएंगे और उनका टोकन भी निरस्त हो जाएगा. इस डर से किसानों के भी होश उड़ने लगे हैं. और सरकार के प्रति खासा आक्रोश दिखाई दे रहा है.
यह आक्रोश गुरुवार को राजिम के बेलटुकरी धान खरीदी में किसानों का गुस्सा उस समय सातवें आसमान पर आ गया. जब 50% पुराना बारदाना नहीं लाने वाले किसानों को खरीदी केन्द्र में प्रवेश नहीं दिया गया.
बेलटुकरी, भैंसातरा, किरवई और लफन्दी के किसान अपनी टोकन के साथ खरीदी केन्द्र बेलटुकरी धान बेचने पहुंचे थे. लेकिन खुद का बारदाना नहीं लाने की वजह से उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया. जिससे आक्रोशित किसानों ने गेट सामने से लेकर पूरे सड़क पर धान से लदे ट्रैक्टर, पिकअप, बैलगाड़ी आदि को खड़ा कर विरोध प्रदर्शन करने लगे.
समिति के प्राधिकृत अध्यक्ष चेमन लाल धीवर ने कहा कि राईस मिलरों के हड़ताल की वजह से पुराना बारदाना नहीं मिला है और किसानों से धान खरीदी करने उनसे बारदाना मंगाया गया है. जिसका प्रति बारदाना 25 रुपये किसानों को भुगतान कराया जाएगा.
ग्राम भैंसातरा के किसान टिकेश कुमार साहू, टीकूराम साहू, भरोसा साहू, नेमीचंद साहू, किरवई के किसान भुनेश्वर साहू, बेदराम साहू, छन्नू लाल साहू, बेलटुकरी के किसान शंकर लाल साहू, सुखदेव साहू, सुंदर लाल साहू, लफन्दी के किसान संतोष कुमार, यशवंत साहू, लीलाराम मुरारी साहू ने कहा कि 25 रुपये प्रति बारदाना सरकार किसानों को देने की बात कह रही है. लेकिन बाजार से किसानों को 40 रुपये से 60 रुपये प्रति बोरी खरीदनी पड़ रही है. इसलिए सरकार किसानों को 25 रुपये की राशि न देकर खुद बोरा खरीदकर किसानों को उपलब्ध करवाए और किसानों को बोरा मंगवाकर परेशान न करे.
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव तेजराम विद्रोही ने कहा कि राज्य सरकार की धान खरीदी नीति में शुरुआत से खामियों से भरा हुआ और उसे सुधारने जनप्रतिनिधि भी गंभीर नहीं है. किसानों को अभी भी टोकन काटने में परेशानी हो रही है. सर्वर डाउन की वजह 60% किसान भी खुद ऑनलाइन टोकन नहीं काट पा रहे हैं. वही अब बारदाने की समस्या सामने आ रही है. सरकार को चाहिए कि शत प्रतिशत नए बारदाने का विकल्प खोला जाए जिससे समितियों में उपलब्ध नए बारदाने से खरीदी हो जिस दिन पुराना बारदाना प्राप्त होती है उसके बात नए और पुराने बारदाने की अनुपात को पूरा किया जा सकता है इससे किसानों को उपज बेचने में किसी तरह परेशानी नहीं होगी.
उन्होंने आगे कहा कि 3100 रुपये भी एकमुश्त किसानों को नहीं मिल रही है. जबकि 3217 रुपये प्रति क्विंटल किसानों हक बनता है. केन्द्र द्वारा बढ़ाई गई 117 रुपये प्रति क्विंटल का लाभ किसानों को मिलना चाहिए.

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