*होलिका दहन:13 मार्च*.

*होलिका ने प्रह्लाद को अपनी गोद में बैठाकर जलती आग* में प्रवेश किया, लेकिन *विष्णु जी की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे* और होलिका जलकर *भस्म* हो गई।
यही कारण है कि हर साल बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में *होलिका दहन* किया जाता है.
*छत्तीसगढ़ के पहले लीफ कारविंग आर्टिस्ट देवव्रत ताम्रकार पिता श्री रामकृष्ण ताम्रकार( निवास रानीतराई पाटन जिला दुर्ग) ने बनाया पत्ति पर कलाकृति*

