* बालिका सशक्तिकरण शब्द नहीं एक सोच, एनटीपीसी बिजली उत्पादन ही नहीं, बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य का निर्माताः प्रदीप्त *
एनटीपीसी सीपत में सपनों की उड़ान सशक्तिकरण अभियान का हुआ भावुक समापन, बेटियों की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर किया

सीपत/ एनटीपीसी सीपत द्वारा बेटियों के सर्वांगीण विकास और आत्मनिर्भरता के लिए चलाए जा रहे जेम सपनों की उड़ान बालिका सशक्तिकरण अभियान 2025′ का समापन मंगलवार को अत्यंत भावनात्मक माहौल में हुआ। एनटीपीसी के कला निकेतन सभागार में हुए समापन समारोह के मुख्य अतिथि प्रदीप्त कुमार मिश्रा (क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक, राखड़ नई पहल रायपुर) ने कहा कि जेम सिर्फ एक शब्द नहीं, एक भावना है, एक सोच है जो बेटियों को संबल और संजीवनी देती है।
इस अभियान में संयंत्र प्रभावित 8 ग्राम पंचायतों सीपत, जांजी, रांक, कौड़िया, देवरी, रलिया, गतौरा आदि से चयनित 45 बालिकाएं शामिल हुई, जो कक्षा 5वीं की
छात्राएं हैं। इन बच्चियों को 28 दिन तक विज्ञान, योग, मेडिकल, अग्निशमन, आत्मरक्षा, कला, पेंटिंग, कंप्यूटर और मिट्टी के खिलौनों जैसी विविध गतिविधियों में प्रशिक्षित किया गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि
प्रदीप्त मिश्रा ने कहा कि एनटीपीसी सिर्फ बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी नहीं, बल्कि समाज के उज्ज्वल भविष्य का निर्माता भी है। उन्होंने बेटियों को जीवन में आगे बढ़ने और समाज में बदलाव की मिसाल बनने की
संघर्ष और आत्मविश्वास की मिसाल बना मंच
बालिकाओं द्वारा बाल विवाह और शिक्षा जैसे गंभीर विषयों पर प्रस्तुत किए गए नाट्य मंचन ने पूरे माहौल को भावुक कर दिया। छत्तीसगढ़ी संस्कृति से सजे गीतों, योगा और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता ने दर्शकों का का दिल जीत लिया। हर प्रस्तुति पर तालियों की गूंज थी, और आँखों में गर्व की चमक। अतिथियों का स्वागत बच्चों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बनाए गए पेपर बुके से किया गया, जिसे देखकर सभी अतिथि भावुक हो गए और बच्चों की रचनात्मकता की जमकर सराहना की। बालिका सशक्तिकरण अभियान सपनों की उड़ान के समापन समारोह में बच्चों की भावुकता ने सभी को आंसू दे दिए। जब कार्यक्रम में भाग लेने वाली बच्चियों ने ट्रेनर से लिपटकर अपनी भावनाओं का इजहार किया, तो माहौल गमगीन हो गया।
प्रेरणा दी। साथ ही पॉलीथिन का उपयोग न करने की भी अपील की। आगे कहा कि आप बच्चों को शिक्षा देने किसी भी प्रकार की कोई कोताही न बरतें। विशिष्ट अतिथि विजय कृष्ण पांडेय, कार्यकारी निदेशक, एनटीपीसी सीपत
ने कहा कि ये 28 दिन बेटियों के जीवन की किताब का वह पन्ना बनेंगे जो उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाएगा। उन्होंने इन बच्चियों के लिए विशेष कोचिंग क्लास शुरू करने की बात भी कही।
नन्हीं पंख को आत्मविश्वास और उम्मीद की मिली नई उड़ानः मिश्रा
अर्पिता महिला समिति अध्यक्ष आयशा मिश्रा एवं संगवारी महिला समिति अध्यक्ष साधना पांडेय ने कहा बेटियों की यह उड़ान आज समाप्त जरूर हुई है, लेकिन अब ये नन्हीं पंख नई ऊंचाइयों की तलाश में आत्मविश्वास, हुनर और उम्मीद के साथ निकल पड़ी है। एजीएम एचआर जयप्रकाश सत्यकाम ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा की मां-बाप ने अपने 45 बच्चे 28 दिनों के लिए हमे सौंपा था कल यही बच्चे आपके पास घर जाएंगे तो आपको इन बच्चों में बहुत कुछ पॉजिटिविटी बदलाव देखने को मिलेगा कार्यक्रम का संचालन राजभाषा विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण रंजन भारती ने किया।

