*लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े एक मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला दिया।*

नईदिल्ली : लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े एक मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसला दिया। दरअसल, एक लिव-इन कपल ने याचिका दाखिल कर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी, जिसे हाईकोर्ट ने ये कहते हुए खारिज कर दिया लिव-इन रिलेशनशिप में कोई स्थिरता या ईमानदारी नहीं होती।

हाईकोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में लिव-इन रिलेशनशिप को वैध माना है, लेकिन इस मामले में याचिकाकर्ताओं की उम्र और साथ बिताए गए समय को ध्यान में रखना जरूरी है।

पुलिस सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में सोमवार को जिस कपल ने याचिका दाखिल की, वो अलग-अलग धर्मों से हैं। इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस राहुल चतुर्वेदी और मोहम्मद अजहर हुसैन की बेंच ने कहा, ‘इस बात में कोई शक नहीं कि बहुत सारे मामलों में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को वैध माना है। लेकिन, महज 20-22 साल की कच्ची उम्र में और दो महीने के साथ में हम इस कपल से ये उम्मीद नहीं कर सकते कि इस तरह के अस्थायी संबंधों पर ये दोनों गंभीरता से विचार कर पाएंगे।’

‘टाइमपास और अस्थाई होते हैं ऐसे रिश्ते’
हाईकोर्ट ने आगे कहा, ‘जैसा कि हमने पहले ही कहा कि इस रिलेशनशिप में ईमानदारी कोई नहीं, बल्कि ये एक दूसरे के प्रति आकर्षण भर है। जिंदगी कोई फूलों की सेज नहीं है। ये हर कपल की बहुत सख्त और निष्ठुर जमीनी परीक्षा लेती है। हमारा अनुभव कहता है कि इस प्रकार के रिश्ते अक्सर टाइमपास, अस्थाई और बहुत कमजोर साबित होते हैं। और इसीलिए, जब एक मामले की जांच जारी है, तो हम ऐसे में याचिकाकर्ता कपल को किसी भी तरह की सुरक्षा देने से बच रहे हैं।’

याचिका में कपल ने क्या-क्या मांग की थी
आपको बता दें कि इस कपल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस सुरक्षा की मांग की थी और साथ उस एफआईआर को भी रद्द करने की मांग की, जिसमें महिला की मौसी ने शख्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 (अपहरण, किसी महिला को जबरन शादी के लिए उकसाना) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। मौसी ने कहा कि वो महिला की मां के तौर पर उसकी जिम्मेदारी संभाल रही है।

महिला की मौसी ने शख्स पर लगाए गंभीर आरोप
पुलिस को दी अपनी शिकायत में महिला की मौसी ने आरोप लगाया, ‘ये शख्स एक सड़कछाप रोमियो है और आवारागर्दी करता है। उसका अपना तो कोई भविष्य नहीं है, साथ ही वो मेरी भांजी की भी जिंदगी बर्बाद कर देगा। यही नहीं, इस शख्स का नाम पहले से ही यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत एक एफआईआर में दर्ज है।’ वहीं, शख्स के साथ लिव-इन में रहने वाली महिला ने इन सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि वो बालिग है और उसे अपनी जिंदगी से जुड़े फैसले लेने का पूरा हक है। महिला ने कहा कि उसके पिता ने इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं कराया।

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